हिंदी के महान सेवक, उपन्यासकार तथा पत्रकार ने वर्षों तक बिना किसी सहयोग के ‘जासूस’ …
Read More »कन-कन में है वास तेरा-डॉ. इन्दु कुमारी
https://www.facebook.com/profile.php?id=100089128134941&mibextid=ZbWKwL साहित्य सरोज पेज का फालो एवं लाइक करें। हे जग के रचयिता स्वामी,कन कन में है बा स तेरा।तुम बिन हूं दुखियारी मैं,अब तो लगाओ पार मेरा। अब करा दे दीदार अपना,मछली जैसी है तरप मेरा।हे नाथ अपनी शरण लगा,कन कन में है वास तेरा। जैसे मेहंदी में छुपी …
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