हिंदी के महान सेवक, उपन्यासकार तथा पत्रकार ने वर्षों तक बिना किसी सहयोग के ‘जासूस’ …
Read More »सूर्ययान आदित्य
सूर्यदेव तपलीन हैं, बीते अरबों वर्ष। ठान लिया ‘आदित्य ‘ने, दर्शन करूँ सहर्ष। सूर्यदेव के विषय में, पढ़ा शास्त्र – साहित्य। खोज खबर लेने वहाँ, पहुँचेगा आदित्य। जाएगा आदित्य सुत, सूर्य पिता के पास। विंदु लैंग्रेज – एक से, राज खुलेंगे खास । निकट लैंग्रेज विंदु पर, नहीं गुरुत्व प्रभाव। …
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